हर महीने 6000 से अधिक नए वायरस बनाये और रिलीज़ किये जाते है अब तक का सबसे महंगा कंप्यूटर वायरस MyDoom था, इससे 38.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। अब तक का सबसे वायरल कंप्यूटर वायरस “आई लव यू ” है। 1990 में, केवल 50 ज्ञात कंप्यूटर वायरस थे लेकिन अब 48,000 से अधिक वायरस हैं।
इन आकड़ो को सुनकर आपको भी अचंभा हुआ होगा आज के समय में कंप्यूटर वायरस एक जाना माना नाम है आज की पोस्ट में मैं आपको इससे जुडी हर एक छोटी से बड़ी बात बताऊंगा जैसे कंप्यूटर वायरस क्या है? (What is Computer Virus in Hindi) ये कैसे फैलते है,कंप्यूटर वायरस का इतिहास क्या है,कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है?
आज तक का सबसे खतरनाक वायरस कौन सा है? कंप्यूटर वायरस के लक्षण क्या है? वायरस कंप्यूटर या मोबाइल में आ जाये तो क्या करे? और भी बहुत कुछ, चलिए समझते है
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कंप्यूटर वायरस क्या है(What is Computer Virus in Hindi)
एक कंप्यूटर वायरस एक मालिसियस सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम है. यूजर की जानकारी के बिना उसके कंप्यूटर सिस्टम में इसे लोड कर दिया जाता है. जो बाद में गलत तरीके से काम करता है जिससे आपके सिस्टम की इम्पोर्टेन्ट फाइल को नष्ट किया जा सकता है और सिस्टम को हैक भी किया जा सकता है
जिससे आपकी जरुरी जानकारी जो भी उस सिस्टम में सेव है वो हैकर तक पहुंच सकती है जिसे वो अपने मन मुताबिक यूज़ कर सकता है
वायरस को समझने के लिए आज के समय से थोड़ा पीछे चलते है. कंप्यूटर वायरस 80 के दशक में फैलना शुरू हुए थे। शुरुआत में जब इतना इंटरनेट का भी इतना प्रचलन नहीं था। तब वायरस “फ्लॉपी ड्राइव” के जरिये फैलता था। “फ्लॉपी ड्राइव” को किसी भी कंप्यूटर के लगाया जाता था.
और फ्लॉपी में कोड होता था। वो कोड किसी दूसरे कंप्यूटर सिस्टम से अटैच होता था. जिसका कण्ट्रोल हैकर के हाथ में होता था और फ्लॉपी कंप्यूटर में लगते ही कोड एक्टिवेट हो जाता था और अपना काम शुरू कर देता था. कुछ इस तरह से शुरुआती समय में वायरस फैलना शुरु हुआ.
VIRUS का फुल फॉर्म VIRUS = VITAL INFORMATION RESOURCES UNDER SEIZE होता है. आज जिस तरह से टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है ठीक उसी तरह से वायरस फैलने का तरीका भी डिजिटल हो रहा है.
समय के साथ साथ नए-नए वायरस मार्किट में आते जा रहे है जो पुराने वायरस की तुलना में और ज्यादा खतरनाक है ये आपके सिस्टम को पूरी तरह नष्ट करने की क्षमता रखते है
कंप्यूटर वायरस कैसे फैलता है? (How does a computer virus spread?)
ईमेल और टेक्स्ट मैसेज, इंटरनेट फ़ाइल डाउनलोड करने और सोशल मीडिया के स्कैम/स्पैम लिंक के जरिए वायरस फैल सकता है. आपके इलेक्टॉनिक डिवाइस मालिसियस ऐप या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से वो वायरस से संक्रमित हो सकते हैं
चलिए ऐसे एक उदाहरण से समझते है यदि आपके सिस्टम या मोबाइल में मालिसियस सॉफ़्टवेयर या ऍप गलती से इनस्टॉल हो गया है आप जैसे भी उसे यूज़ करेंगे तो वायरस कोड एक्टिवेट हो जायेगा और अपना काम शुरू कर देगा। मतलब ये दूसरे प्रोग्राम को नुकसान पहुचायेगा। ये बहुत मुश्किल है कि आपको इसके बारे में शुरू में ही पता चल जाये। समय के साथ आप इसके इफ़ेक्ट देखेंगे जैसे
- कंप्यूटर ज्यादा हैंग होने लगेगा,
- सॉफ्टवेयर या ऍप ओपन होने में प्रॉब्लम होगी,
- फालतू के पॉपअप आने लगेंगे,
- डिवाइस परफॉरमेंस स्लो हो जाएगी,
- सिस्टम डाटा के साथ इंटरफेयर होने लगेगी,
- स्टोरेज जल्द भर जाएगी,
- कई जरुरी फाइल मिस हो जाएगी,
- क्रैशेस और एरर मैसेज आएंगे,
- सुरक्षा पर अटैक होगा।
- आपकी ईमेल हैक हो सकती है
- इम्पोर्टेन्ट इनफार्मेशन गायब हो सकती है
अदि चीजे होगी जब आपके सिस्टम में वायरस आ जायेगा
जिस तरह हैकर वायरस इंजेक्ट करने के नए-नए तरीके ढूंढ रहे है उसी तरह लोग इससे बचने के भी तरीके ढूंढ रहे है कप्यूटर वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका है जो भी ऊपर मैंने आपको तरीके बताये जिससे वायरस कंप्यूटर में आ सकता है बस उनसे सतर्क रहे
लेकिन ये करना हमारे लिए बहुत मुश्किल है इसलिए एंटीवायरस को बनाया गया है एंटीवायरस हमारे सिस्टम को वायरस से सुरक्षित रखने में मदद करते है. एंटीवायरस फ्री और पेड दोनों प्रकार के होते है मैं आपको पेड एंटीवायरस यूज़ करने की सलाह दूंगा
वायरस कंप्यूटर में कैसे आता है
ज्यादातर केस में देखा गया है कि वायरस तब फैलते है. जब भी किसी नेटवर्क की मदद से कोई फाइल या सॉफ्टवेयर किसी एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में भेजी जाती है.
आज के समय में वायरस असुरक्षित फाइल डाउनलोड करने में भी आ जाते है जब भी आप कोई असुरक्षित वेबसाइट विजिट करते है. कई बार इसे ईमेल के जरिये भी भेजा जाता है
कंप्यूटर वायरस का इतिहास (History of computer viruses in Hindi)
1) पहला कंप्यूटर वायरस, जिसे “Creeper system” कहा जाता है, 1971 में पहली बार लोगो की नजर में आया ये एक Experimental self-replication वायरस था।
यदि आपका कंप्यूटर काम नहीं कर रहा है तब भी ये आपके कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव को भर रहा था यह वायरस अमेरिका में BBN Technology द्वारा बनाया गया था।
यह वायरस फ्लॉपी ड्राइव के बूट सेक्टर को वायरस की कॉपी से बदलकर IBM PC को एफेक्ट करता था असली बूट सेक्टर को दूसरे में सेक्टर में भेज देता था
2) MS-DOS के लिए पहला कंप्यूटर वायरस “Brain” था और यह 19 जनवरी 1986 में पहली बार लोगो की नजर में आया। यह आईबीएम पर्सनल कंप्यूटर (IBM PC) और कंपेटिबल्स के लिए पहला कंप्यूटर वायरस माना जाता है।
यह फ्लॉपी डिस्क पर बूट सेक्टर को ओवरराइट कर देता था और हमारे कंप्यूटर सिस्टम को बूट करने से रोक देता है। यह पाकिस्तान के दो भाइयों अमजद फारूख अल्वी और बासित फारूख अल्वी द्वारा बनाया गया था.
3) “Morris” पहला कंप्यूटर वायरस था जो 1988 में बड़े पैमाने पर फैल गया था। यह Cornell University के Graduate student रॉबर्ट मॉरिस द्वारा बनाया गया था,
जो इंटरनेट के आकार को निर्धारित करने के लिए इसका उपयोग करना चाहते थे।
उनके नजरिये से देखा जाये तो कमजोर पासवर्ड की जगह Sendmail and other Unix applications किया जाना था। लेकिन एक प्रोग्रामिंग गलती के कारण यह बहुत तेजी से फैल गया। और जब लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल करते थे तो इस वायरस ने हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया।
इसने 15 घंटों में लगभग 15,000 कंप्यूटरों को संक्रमित किया था, जो अब तक इंटरनेट की दुनिया में सबसे ज्यादा है.
4) 4 फरवरी 1991 में “Michel angelo” वायरस पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खोजा गया था। यह हर साल 6 मार्च तक Inactive हो जाता था इस वायरस को DOS सिस्टम को संक्रमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था,
लेकिन ऑपरेटिंग सिस्टम को शामिल नहीं किया गया था या कोई OS कॉल नहीं करता था। माइकल एंजेलो वायरस , सभी बूट सेक्टर वायरस की तरह, BIOS स्तर पर ऑपरेट होता था.
ये समझना बहुत मुश्किल है इस वायरस को बनाने वाले ने माइकल एंजेलो(1475-1564) नाम के प्रसिद्ध पेंटर कलाकार के नाम पर वायरस का नाम क्यों रखा था क्युकि कलाकार का इससे कोई लेना देना नहीं था प्रत्येक वर्ष, वायरस 6 मार्च तक निष्क्रिय रहता था, क्युकि उस दिन पेंटर माइकल एंजेलो का जन्मदिन होता था।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस से 20,000 कंप्यूटर संक्रमित बताए गए थे.
5) 1998 ताइवान में “CIH” वायरस देखा गया था। इसने लगभग 60 मिलियन कंप्यूटरों को संक्रमित कर दिया था और Important system files को ओवरराइट करके बड़े नुकसान का कारण बना था। इसे ताइवान के एक छात्र ने बनाया था। CIH का फुल फॉर्म Chen Ing-hau है जिसे चेरनोबिल या स्पेसफिलर के रूप में भी जाना जाता है
6) 1999 में, “Melissa” नामक वायरस मिला। यह पहला माइक्रो वायरस था जो बहुत तेजी के साथ फैला। यह ईमेल के माध्यम से फैलाया गया था
और अपने आप ये आउटलुक एड्रेस बुक, पहले 50 लोगों को भेज देता था। लेकिन इसने कंप्यूटर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था।
इसके कारण बहुत अधिक ईमेल ट्रैफ़िक हुआ, जिससे ईमेल सर्वर क्रैश हो गए थे।
7) सत्र 2000 “Ilovoy” नामक वायरस का साल था। यह ईमेल के माध्यम से आता था, हालांकि यह खुद को आपके सभी संपर्कों को भेज देता था।
इसने कार्यालय, छवि और ऑडियो फाइलों को भी ओवरराइट कर दिया था। यह वायरस फिलीपींस से आया था और 10 दिनों से इसने कम समय में 50 मिलियन से अधिक कंप्यूटरों से संक्रमित हो गया था। तब ज्यादातर कंपनियों ने वायरस को फैलाने से रोकने के लिए अपने ईमेल सर्वर को बंद करने का फैसला किया था।
8) 2000 के बाद से, दुनिया में बड़े पैमाने पर कहर बरपाने के लिए कई नए वायरस पाए गए हैं जिसकी लिस्ट नीचे दी गयी है। सबसे खतरनाक वायरस को बताना मुश्किल है। क्युकि सब एक से बढ़कर एक थे
- Ana Kournikova,
- Code Red, Nimba,
- Beast, SQL Slammer,
- Blaster,
- Sobig,
- Sober,
- Mydoom,
- Netsky,
- Zeus,
- Conficker,
- Stuxnet,
- Cryptocurrency,
- Lockie,
- Mirai,
- Wonseri ये कुछ उदाहरण हैं।
कंप्यूटर वायरस के प्रकार (Types of computer virus in Hindi)
- Boot Sector Virus
- Direct Action Virus
- Resident Virus
- Multipartite Virus
- Polymorphic Virus
- Overwrite Virus
- Space-filler Virus
- File Infector Virus
Boot Sector Virus
बूट सेक्टर वायरस एक कंप्यूटर वायरस है जो स्टोरेज डिवाइस के मास्टर बूट रिकॉर्ड (MBR) को संक्रमित (Infect) करता है। ये स्टार्ट-अप के दौरान, वायरस कंप्यूटर की मेमोरी में लोड हो जाता है। जैसे ही वायरस को मेमोरी में सहेजा जाता है, यह सिस्टम द्वारा उपयोग किए जाने वाले गैर-संक्रमित डिस्क को संक्रमित(Infect) करता है।
बूट सेक्टर वायरस मास्टर बूट रिकॉर्ड को संक्रमित कर देता है। और यह ज्यादातर removable media के माध्यम से फैलने वाला वायरस है। इस वायरस को हटाना एक कठिन काम है।
Direct Action Virus
डायरेक्ट-एक्शन वायरस कंप्यूटर पर तब निष्क्रिय होता है जब आप वायरस युक्त फाइल यूज़ करना बंद कर देते है। एक डायरेक्ट-एक्शन वायरस साइबर सुरक्षा के लिए एक प्रकार का वायरस है जो फ़ोल्डर्स में फ़ाइलों की तुरंत नकल कर लेता है और फिर संक्रमित करता है। इसका मुख्य लक्ष्य आमतौर पर .exe और .com फाइलें को संक्रमित करना हैं।
Resident Virus
रेजिडेंट वायरस, कंप्यूटर सिस्टम की मेमोरी में खुद को शामिल कर लेता है. इस वायरस की पहचान करना कठिन है, और इसे हटाना भी उतना ही कठिन है। वायरस की प्रोग्रामिंग के आधार पर, यह कंप्यूटर द्वारा संचालित किसी भी फ़ाइल को संक्रमित कर सकता है। इस प्रकार के वायरस खुद को एंटी-वायरस एप्लिकेशन से भी जोड़ते हैं, जिससे यह प्रोग्राम द्वारा स्कैन की गई किसी भी फाइल को संक्रमित कर सकता है।
Multipartite Virus
मल्टीपार्टी वायरस एक तेजी से बढ़ने वाला वायरस है जो बूट सेक्टर और फाइल्स पर अटैक करने के लिए फ़ाइल इन्फ़ेक्टर या बूट इन्फ़ेक्टर का उपयोग करता है
मल्टीपार्टी वायरस कई तरीकों से फैलता है। यह वायरस प्रोग्राम फाइल और सिस्टम सेक्टर दोनों को संक्रमित करता है. एक मल्टीपार्टी वायरस कई बार और अलग-अलग समय पर कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित करता है.
Polymorphic Virus
एक पॉलीमॉर्फिक वायरस अपने हस्ताक्षर पैटर्न को बदलने में अधिक सक्षम होता है, यह बार बार ऐसा करता रहता है जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
Overwrite Virus
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये एक ओवरराईट वायरस ईमेल के माध्यम से फैलता है और यह फाइल को संक्रमित करता है और उन फाइलों को हटा देता है।
Spacefiller Virus
स्पेसफिलर वायरस को cavity virus के रूप में भी जाना जाता है; यह codes के बीच की खाली जगह घेरता है। लेकिन यह फाइलों को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
File Infector Virus
फ़ाइल इनफ़ेक्टर वायरस को parasitic virus के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह प्रोग्राम फ़ाइलों से जुड़ा हुआ होता है, जैसे .COM .EXE फाइलें। फ़ाइल इंफ़ेक्टर वायरस का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वायरस डिटेक्टर सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते है।
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दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस
आज हम आपको ऐसे कुछ वायरस के बारे में बताते है। जिन्होंने इंटरनेट की दुनिया में अच्छे अच्छो के छक्के छुड़ाए है।
- Blaster
- Slammer
- Nimda
- Code Red
- ILOVEYOU
- Welchia
- Commwarrior-A
- The Morris Worm
- Elk Cloner
- Creeper
कंप्यूटर वायरस के लक्षण (Symptoms of computer virus in Hindi)
कुछ लक्षण मैं आपको पहले ही बता चूका हु. यदि आपके कंप्यूटर सिस्टम में वायरस आ गया है तो कैसे इसकी पहचान करे।
- पॉप-अप खुद से स्क्रीन पर दिखाई दे रहा है
- app/software अपने आप चल रहे हैं
- Automatic Multiplication / Duplicate Files कंप्यूटर सिस्टम में आ गयी है।
- कंप्यूटर पर unknown files and applications आ जाएंगी।
- फाइल deleted or corrupted हो रही हैं
जब यूजर इनमें से कोई भी लक्षण देखने को मिलता है, तो संभावना है कि आपका कंप्यूटर, कंप्यूटर वायरस से संक्रमित है। इनसे बचने के लिए यूजर को कंप्यूटर पर एक अच्छे एंटीवायरस का यूज़ करना चाहिए.
यदि आपके कंप्यूटर सिस्टम में वायरस आ जाये तो क्या करे?
- वायरस स्कैनर डाउनलोड और इंस्टॉल करें
- सिस्टम को इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करे
- अपने कंप्यूटर को सुरक्षित मोड में रिबूट करें
- सभी Temporary files को हटा दें
- वायरस स्कैन चलाएं
- वायरस को हटाएं करें
- कंप्यूटर को दोबारा चालू करो
- अपने सभी पासवर्ड बदलें
- अपने सॉफ़्टवेयर, ब्राउज़र और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करें
Anti virus क्या है (What is Anti virus in Hindi)
एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक प्रोग्राम या प्रोग्राम का सेट होता है, जिसे सॉफ्टवेयर वायरस को रोकने, खोजने और निकालने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, और ये अन्य मालिसियस सॉफ़्टवेयर जैसे कीड़े, ट्रोजन, एडवेयर से लड़ने में मदद करता है
मैं आपको कुछ ऐसे एंटी वायरस के बारे में बताऊंगा जिसे आप अपने कंप्यूटर और पी० सी० में यूज़ कर सकते है और अपने सिस्टम की सुरक्षा कर सकते है। इनमे से कुछ एंटी-वायरस फ्री और कुछ के आपको पैसे देने होंगे।
Free Anti-virus List
- Avira,
- Avast,
- AVG,
- bit-defender,
- Kaspersky,
- Malwarebytes,
- Panda,
- Sophos.
Paid Anti-virus List
- Avira, 8/10
- Avast, 7.5/10
- AVG, 7.5/10
- Bitdefender, 9.5/10
- F-secure, 9/10
- Symantec Norton, 9.5/10
- Kaspersky, 9/10
- Emsisoft, 9.5/10
- McAfee, 6/10
- Windows Defender, 7/10
- ESET, 8.5/10
- Panda 8/10
- Trend micro, 8.5/10
- Quick-heal 8/10
- Bull Guard & G-data 8.5/10
- Vipre, 9/10
- Malware bytes, 8/10
- Hitman Pro & Super antispyware, 8/10
- Zemana, 9/10
- SmadAV 9/10
इनके आगे रेटिंग्स दी गयी है जो इनको यूज़ करने वाले यूजर की तरफ से दी गयी है. जिसकी मदद से आप एक बेहतरीन एंटीवायरस को चुन सकते हो.
Conclusion
आज हमने भी जाना कि कंप्यूटर वायरस क्या है? (What is Computer Virus in Hindi) ये कैसे फैलते है, कंप्यूटर वायरस का इतिहास क्या है? (History of computer viruses in Hindi), कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है? (Types of computer virus in Hindi)
आज तक का सबसे खतरनाक वायरस कौन सा है कंप्यूटर वायरस के लक्षण क्या है. ये कंप्यूटर या मोबाइल में आ जाये तो क्या करे? और भी बहुत कुछ. उम्मीद करता हु कि आज कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी. शेयर करना बिल्कुल न भूले.
Great Post Brother
Thanks brother