क्या आपने क्रेडिट स्कोर के बारे में सुना है? जरूर सुना होगा क्युकि जब भी हम क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए अप्लाई करने जाते है तब हमारे क्रेडिट स्कोर के बारे में पूछा जाता है यदि हमारा क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो हम क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए अप्लाई कर सकते है
और हमे अपना क्रेडिट कार्ड या लोन मिल भी जायेगा। लेकिन यदि हमारा क्रेडिट स्कोर बुरा है तो हमे क्रेडिट कार्ड या लोन बिल्कुल भी नहीं मिलेगा। इसलिए क्रेडिट स्कोर मेंटेन करना बहुत जरुरी होता है
आज कि इस पोस्ट में मैं आपको क्रेडिट स्कोर के बारे में पूरी जानकरी दूंगा जैसे सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर क्या होता है? (What is Credit score in hindi), क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करे, ये कैसे काम करता है? क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाये, कितना क्रेडिट स्कोर होना चाहिए आदि
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सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर क्या है (What is credit score in Hindi)
आज के समय में पैसा बहुत जरुरी चीज है जो किसी की भी लाइफ को चेंज कर सकती है. आज के समय में कोई व्यक्ति किसी अनजान को पैसे नहीं देता जिसको वो पहली बार मिल रहा हो और जानता भी न हो.
लेकिन यदि वही दोनों व्यक्तियों को कोई तीसरा व्यक्ति मिलाये जो उन दोनों का भरोसे मंद हो तो ऐसी स्थिति में वो व्यक्ति किसी अनजान को पैसे दे सकता है क्युकि यदि भविष्य में पैसे लेने वाले व्यक्ति ने पैसे नहीं लौटाए तो पैसे देने वाला व्यक्ति उस तीसरे व्यक्ति से पैसे वसूल कर लेगा.
लेकिन क्या हो अगर आप एक बैंक में लोन अप्लाई करे तो बैंक कैसे चेक करेगी कि आप कितने लॉयल हो उस धनराशि को चुकाने के लिए, आप कैसे व्यक्ति हो आपका इतिहास कैसे रहा है?? इसलिए वो आपसे आपका क्रेडिट स्कोर पूछते है.
आपके क्रेडिट स्कोर के अनुसार पता चलता है आपको लोन मिलेगा या नहीं. इसलिए क्रेडिट स्कोर को अच्छा रखना बहुत जरुरी होता है.
क्रेडिट स्कोर कैसे बनता है
आप बैंक में जो भी एक महीने में लेन देन करते है महीने के आखरी में बैंक ये जानकरी Credit Bureau को दे देती है और ये आपके क्रेडिट स्कोर को बनाते है। देश में 4 क्रेडिट ब्यूरो मौजूद है जैसे CIBIL, Equifax, Experian, CRIF High Mark आदि.
सिबिल देश की बड़ी क्रेडिट ब्यूरो कंपनी है और सबसे ज्यादा फेमस है. इसलिए हम क्रेडिट स्कोर को सिबिल स्कोर के नाम से भी जानते है.
क्रेडिट ब्यूरो क्या है (What is Credit Bureau in Hindi)
क्रेडिट ब्यूरो एक एजेंसी होती है जो किसी व्यक्ति या व्यवसाय के लिए होने वाले लेन-देन से संबंधित डेटा को इकट्ठा और विश्लेषण करती है इनमें लिए गए लोन, उपयोग किए गए क्रेडिट कार्ड, ओवरड्राफ्ट सुविधाएं आदि और उनके भुगतान शामिल होते हैं. जिससे क्रेडिट स्कोर बनता है.
क्रेडिट स्कोर आपके इतिहास में हुए पैसो से जुड़े लेन देन पर आधारित होता है जैसे खुले खातों की संख्या, लोन का कुल स्तर, पुराने लोन को चुकाने में आपका इतिहास और भी कई फैक्टर होते है.
लोन देने वाला व्यक्ति या संस्था क्रेडिट स्कोर का उपयोग ये चेक करने के लिए करते है कि आप समय पर लोन चूका पायेंगे या नहीं और आप समय पर पैसा चुकाने के लिए कितने ईमानदार है.
क्रेडिट स्कोर कैसे काम करता है
जैसा कि मैंने आपको बताया क्रेडिट स्कोर आपके भूतकाल (past) में हुए वित्तीय लेन देन पर निर्भर करता है जितना ज्यादा आपका स्कोर होगा बैंक आपको लोन देने के उतनी ही इच्छुक होगी। ख़राब स्कोर वाले को लोन नहीं मिलता है.
ये भी आपको समझना चाहिए कि जितना ज्यादा आपका क्रेडिट स्कोर होगा आपको ब्याज की दर उतनी ही काम देनी होगी. स्कोर कम वाले व्यक्ति को ज्यादा ब्याज की दर देनी पड़ती है.
क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए
आपका क्रेडिट स्कोर कम से कम 670 या इससे ज्यादा होना चाहिए तब ही आप लोन के लिए योग्य होंगे। लोन देने के लिए सभी बैंको के अपने अपने क्राइटेरिया होते है.
क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है 300 सबसे ख़राब वही 900 सबसे अच्छा माना जाता है सिबिल भी इसे फॉलो करती है. एक्सपीरियन का क्रेडिट स्कोर भी 300 से 900 के बीच होता है. इक्विफाक्स का 1 से 999 होता है. हर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का क्रेडिट स्कोर तय करने का अपना फॉर्मूला होता है.
Excellent: 800 to 900
Very Good: 740 to 799
Good: 670 to 739
Fair: 580 to 669
Poor: 300 to 579
यदि आपका स्कोर Poor और Fair श्रेणी में आता है तो आपको लोन बिल्कुल नहीं मिलेगा यदि Good श्रेणी में आता है तो लोन मिलने के अच्छे चान्सेस है ये फिर आपके लोन अमाउंट पर निर्भर करेगा।
Excellent और Very Good श्रेणी में आने पर आपको लोन जरूर मिलेगा.
इसके बाद आपके द्वारा दिए गए डॉक्यूमेंट के आधार पर बैंक द्वारा आपके स्कोर की डीपली डिटेल निकली जाएगी जिससे समझ आएगा कि आपका स्कोर किन कारणों की वजह से स्कोर कम या ज्यादा है.
इसलिए यदि आप अपना क्रेडिट स्कोर नहीं जानते तो कोई बात नहीं बैंक स्वयं पता कर लेगी।
क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करे?
यदि आप phonepe, paytm app यूज़ करते है तो आप ऍप में जाकर “Credit score” सर्च करे। आपको कुछ डिटेल और डॉक्यूमेंट देने होंगे इसके बाद स्कोर आपको शो हो जायेगा। या ऑनलाइन भी कई वेबसाइट है जो आपको क्रेडिट स्कोर शो करने में मदद करती है जिनका लिंक नीचे है
यदि आपने कभी लोन नहीं लिया और ना ही आपका क्रेडिट कार्ड है तो मतलब आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तो “NA” शो होगा. इसका मतलब आपको क्रेडिट अपडेट करना होगा और आपका क्रेडिट स्कोर 0 होगा और जो 6 महीने से बाद बढ़ना शुरू होगा.
क्रेडिट स्कोर चेक करने से क्या स्कोर कम हो जाता है?
हां भी और नहीं भी चलिए डिटेल में जानते है . क्रेडिट स्कोर चेकिंग दो तरह की होती है
- सॉफ्ट चेकिंग
- हार्ड चेकिंग
Soft check (सॉफ्ट चेकिंग)
जब भी आप या कोई कंपनी या कोई व्यक्ति जिसे अपने अधिकार दिया है वो आपका क्रेडिट स्कोर चेक करता है तो ये चेकिंग शॉट चेकिंग के अंतर्गत आती है इसे सॉफ्ट क्रेडिट चेक या सॉफ्ट क्रेडिट पुल के नाम से भी जानते है
Hard check (हार्ड चेकिंग)
हार्ड चेकिंग तब की जाती है जब आप क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए अप्लाई करते है क्युकि इसमें आपके इतिहास में हुए लेन देन के लिए के बारे में बारीकी से जाँच की जाती है
यदि आप सॉफ्ट चेकिंग से स्कोर चेक कर रहे है तो आपका स्कोर कभी कम नहीं होगा चाहे आप कितनी भी बार चेक करो
लेकिन हार्ड चेकिंग में आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है
क्रेडिट स्कोर कितने नंबर का होता है?
क्रेडिट स्कोर तीन अंकों का नंबर होता है, जो 300 से 900 के बीच होता है
अपने सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर को कैसे बढ़ाये? (How to increase credit score in Hindi)
अब मैं आपको बताने जा रहा हु कि cibil score kaise badhaye इन टिप्स को फॉलो करके आप जान जायेंगे कि क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाये
- यदि आपने कोई लोन ले रखा है या आप क़िस्त का भुगतान करते है तो हमेशा अपनी बिलों/ क़िस्तो को समय पर जमा करे.
- यदि आपका खाता अच्छी स्थिति में है, तो क्रेडिट लिमिट को बढ़वाए लेकिन इस राशि को खर्च न करे। आप कम क्रेडिट उपयोग दर को बनाए रखें.
- अक्सर देखा गया है लोग अपना क्रेडिट कार्ड खाता बंद कर देते है आप ऐसा न करे इससे आपको लोन लेने में समस्या होती है जितना ज्यादा पुराना आपका क्रेडिट कार्ड होता है। जितनी अच्छी आपकी ट्रांसेक्शन हिस्ट्री होती है उतना ही ज्यादा बैंक आप पर विश्वास करती है और आपको जल्द लोन देती है.
- क्रेडिट कार्ड में उतनी ही लिमिट यूज़ करे जितनी आप अगले महीने भुगतान कर सकते है.
- क्रेडिट कार्ड का मैक्सिमम बैलेंस यूज़ करने से बचे.
- क्रेडिट कार्ड के बिल को समय पर भुगतान करे.
- यदि आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो खाता बंद करने के बजाय इसका उपयोग करना कम कर दे जो अकाउंट बंद करने से ज्यादा अच्छा है.
- कार्ड की उम्र और क्रेडिट सीमा के आधार पर, यदि आप खाता बंद करते हैं तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है.
- जब भी आप कोई टूल्स, गैजेट या अन्य कोई सामान खरीदते है तो इसे कैश में खरीदने के बजाय फाइनेंस पर ख़रीदे और समय पर अपनी किस्ते चुकाना शुरू कर दे। इससे आपके ऊपर ट्रस्ट बढ़ेगा और क्रेडिट स्कोर बढ़ने में मदद मिलेगी.
- यदि आपने लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया है और किसी कारणवश वो अप्प्रोव नहीं हो पाया है तो आपको दुबारा से 6 महीने से बाद ही अप्लाई करना चाहिए.
- सिर्फ उसी बैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करे जहा से आप ज्यादा ट्रांसक्शन करते है या वहां आपकी सैलरी आती हो.
- यदि आपका क्रेडिट स्कोर एक्सीलेंट है तो आपको बैंक की तरफ से एक्सीलेंट डील्स प्रोवाइड की जाती है जैसे पसंदीदा टर्म्स मिलेगी, कम इंटरेस्ट रेट मिलेगा प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज पर डिस्काउंट भी मिलता है.
Conclusion
आज हमने जाना कि सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर क्या होता है (What is credit score in hindi), ये कैसे बनता है और ये कितना होना चाहिए, Credit score kaise badhaye आदि.यदि आपको पोस्ट से कुछ नया सिखने को मिला हो तो इसे अपने दोस्तों के जरूर शेयर करे