आज हम सब बहुत जागरूक हो रहे है. टेक्नोलॉजी की तरफ रुख कर रहे है. और नए नए तरीके ऑनलाइन खोज रहे है. जिससे हम एक अच्छा खासा पैसा कमा सके. यदि मैं आपसे एक प्रश्न पुछू कि सबसे बेस्ट तरीका कौन सा है. पैसा कमाने का तो आप में से बहुत से लोगो का जवाब होगा कि स्टॉक मार्किट जी हां ये सही भी है. लेकिन आप सब जानते होंगे कि इससे पैसा कमाना जितना आसान है. तो गवाना भी उतना ही.
हम सब stock market में इन्वेस्ट करते है. एक अच्छा रिटर्न पाने के लिए क्युकि हम भी कही न कही एक सपना लेकर इस बाजार में आते है. कि हम भी राकेश झुनझुनवाला, मुकुल अग्रवाल, सुनील सिंघानिया, रामदेव अग्रवाल, राधाकिशन दमानी जैसे स्टॉक मार्किट के किंग बन बनेंगे अक्सर लोग अपने stockको Long-Term के लिए इन्वेस्ट करते है. ताकि वो ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सके.
आज इस ब्लॉग पोस्ट के जरिये मैं आपको बताऊंगा कि Long-Term के लिए स्टॉक रखने के फायदे. (Benefits of Holding Stocks for the Long-Term In Hindi)
Long-Term के लिए स्टॉक रखने के फायदे. (Benefits of Holding Stocks for the Long-Term In Hindi)
सबसे पहले समझते है. कि long-term investment का क्या मतलब है. इस strategy का मतलब है. कि लम्बे समय तक अपने निवेश को रोक कर रखना जिससे बाद में बेचने पर वो short term में बेचे जाने की तुलना में ज्यादा लाभ कमा सके. इस तरह के निवेश में कई प्रकार की संपत्ति (assets) शामिल है. जैसे bonds, stocks, exchange-traded funds (ETFs), mutual funds और भी बहुत कुछ.
जो भी व्यक्ति लम्बे समय के निवेश करना चाहता है. उसे अनुशासन और धैर्य बांये रखने की आवश्यकता होती है. क्युकि जब आप ज्यादा लाभ कमाने की सोच के साथ long-term investment करते है. तो आपको 100% लाभ ही होगा ये कोई गारंटी नहीं है. आपको हानि के लिए भी उतना ही तैयार होना चाहिए. शेयरो में इन्वेस्ट करना और उन्हें long term के लिए होल्ड करना अपनी assets को बढ़ाने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है.
Long-term investment में निवेश, लगभग हमेशा बाजार से बेहतर प्रदर्शन करते हैं. सिर्फ तब जब निवेशक सोच समझकर एक सही जगह निवेश करते है.
भावनाओ में बहकर निवेश करना हमेशा निवेश के रिटर्न को मुश्किल में डाल देता है. S&P 500 ने हर 20-वर्ष की अवधि में निवेशकों को उम्मीद से ज्यादा रिटर्न दिया है..
मार्किट में समय-समय पर अस्थायी गिरावट देखने को मिलती है. उससे बहार निकलना एक अच्छे निवेशक की निशानी मानी जाती है.
संपत्ति (asset) शब्द इन्वेस्टमेंट में एक खास श्रेणी को दर्शाता है. वो समान विशेषताओं और गुणों को बताते हैं जैसे कि fixed-income assets (bonds) और equities जिन्हें आमतौर पर स्टॉक कहा जाता है. कई चीजों को ध्यान में रखकर आपके लिए एसेट को चुना जाता है. जैसे आपकी उम्र, risk profile और सहनशीलता, investment goals और आपके पास इन्वेस्टमेन्ट के लिए कितना धन है. उसमे से भी long-term के लिए कौन सा asset आपके लिए बेस्ट होगा?
यदि हम पिछले कुछ सालो के सभी asset के रिटर्न पर एक नजर डाले तो शेयरों ने आम तौर पर लगभग सभी अन्य एसेट से बेहतर प्रदर्शन किया है. S&P 500 ने 1928 और 2022 के बीच प्रति वर्ष औसतन 11.92% का रिटर्न दिया.
उभरते हुए मार्किट में equity markets में सबसे अधिक रिटर्न प्राप्त करने की संभावना है. लेकिन खतरा भी उतना ही है. पिछले रिकॉर्ड की तुलना में इस श्रेणी में अधिक रिटर्न मिला है. लेकिन अचानक से होने वाले उतर चढ़ाव ने उसके प्रदर्शन में प्रभाव डाला है. उदाहरण के लिए, MSCI Emerging markets index का 10 साल का वार्षिक रिटर्न 29 अप्रैल, 2022 तक 2.89% था
एक चीज हमेशा मुझे खुद पिछले कई सालो के रिकार्ड्स को देखकर मिली है कि हाई रिस्क वाले स्टॉक ने low या safe risk वाले स्टॉक से बेहतर प्रदर्शन किया है.
बड़े निवेशकों के अनुसार शेयर मार्किट में लम्बे समय (long-term) के लिए निवेश करना ज्यादा बेहतर होता है. क्युकी स्टॉक में कम समय में 10% से 20% या उससे अधिक की गिरावट देखने को मिल सकती है. लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार यदि हमे ऐसी स्थिती से निकलने के लिए ज्यादा समय मिले तो हम एक बेहतर रिटर्न निकाल सकते है..
1920 के दशक के बाद से शेयर बाजार के रिटर्न को देखते हुए, दुनिया भर में निवेशकों ने शायद ही कभी 20 साल की अवधि के लिए S&P 500 में निवेश किया हो शायद ऐसा इसलिए क्युकि उन्होंने Great Depression, financial crisis, Black Monday, the tech bubble जैसे कई आपदाओं को नजदीक से देखा है.
यहाँ पिछले परिणाम भविष्य के रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देते हैं, लेकिन ये जरूर बताते है. कि उन्हें पर्याप्त समय दिया जाये तो वो एक अच्छा प्रॉफिट बना सकते है.
जब आप कम समय के लिए शेयर बाजारों में अपना पैसा निवेश करते हैं, तो इन निवेशों के माध्यम से उत्पन्न होने वाले लाभ पर लगने होने वाले टैक्स लम्बे समय के लिए निवेश करने वाले स्टॉक के टैक्स से ज्यादा देखने को मिलेंगे.
आप में से कुछ लोग short term और Long term को लेकर कंफ्यूज हो सकते है. तो मैं आपको दू कि Short Term का मतलब कोई भी स्टॉक होल्डिंग है. जिसे खरीद के एक साल के भीतर बेच दिया जाता है. और Long Term का मतलब है. खरीद के एक साल बाद बेचे.
भारत में, STCG पर 15% कर लगाया जाता है. जबकि LTCG पर 10% कर लगाया जाता है, इसलिए लम्बे समय के लिए निवेश करना कम समय के लिए निवेश करने से ज्यादा बेहतर माना जाता है.
जब आप लंबे समय के लिए शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, तो एक अच्छे तरीके से तरह-तरह के पोर्टफोलियो में नकारात्मक रिटर्न मिलने की संभावना लगभग न के बराबर होती है., क्योंकि बाजारों और कीमतों का सामान्य रिटर्न हमेशा ऊपर की ओर होता है.
कुछ unControlled चीजे की वजह से बाजार में सुधार या गिरावट आती है., जो कंपनियों के खिलाफ काम करती है. हालांकि, शेयर बाजार सामान्य रूप से इन घटनाओं को पचा लेता है. और फिर से ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर देता है.
इसलिए ये माना जाता है. कि आपका Long Term में आपका रिटर्न नकारात्मक (-ve) होने की सम्भावना कम से कम होगी. लेकिन यही चीज आप यदि इंट्राडे ट्रेड के लिए करते है. तो आपके रिटर्न नकारात्मक होने की सम्भावना अधिक हो जाती है.
यदि आपके पास एक अच्छा group है. तो बहुत सी चीजें आपके पक्ष में जा सकती हैं और आपके पास यदि मजबूत फंडामेंटल हैं, आप अपने स्टॉक की कीमतों को कम समय में कई गुना बढ़ा सकते है. और बाजार में एक ‘unicorn‘ स्टॉक बना सकते है.
या आप एक ऐसे ‘Unicorn‘ स्टॉक में निवेश करते है. तो निश्चित रूप से, समय के साथ आपको बहुत अच्छा रिटर्न देखने को मिल सकता है. लागू करों की तरह ही, long term account के लिए आपको जो शुल्क चुकाने पड़ते हैं, वह आपके द्वारा short term trading या intraday trading के लिए भुगतान किए जाने वाले शुल्कों की तुलना में काफी कम होते हैं
कई ब्रोकर हर ट्रेड के लिए एक निश्चित शुल्क लेते हैं इसे डिस्काउंट ब्रोकिंग कहा जाता है. पुराने नियमो की ट्रेडिंग में जहां ब्रोकरेज का भुगतान प्रतिशत में किया जाता था. वही long term में इन्वेस्ट करने में आप ज्यादा से ज्यादा ब्रोकरेज शुल्क बचा सकते है.
Conclusion
उम्मीद करता हु आपको ये पोस्ट पसंद आयी होगी मेरा उदेश्य आपको बताना था कि Long-Term के लिए स्टॉक रखने के फायदे. (Benefits of Holding Stocks for the Long-Term in Hindi)
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