Augmented Reality क्या है? what is Augmented Reality in Hindi

हम अक्सर डिजिटल वर्ल्ड में कई ऐसी अद्भुत चीजे देखते है. जो असल दुनिया में देखने नहीं मिलती है. और हम ये सोचते है काश !! ये असल में होता तो कितना अच्छा होता. लेकिन आज मैं आपको एक ऐसी टेक्नोलॉजी के बारे में बताऊंगा जिसको जानने के बाद आपको ये काश !! बोलने की जरुरत नहीं पड़ेगी. आप जिस भी चीज को चाहे उसे असल दुनिया में देख सकते है जी हां आज के समय में ये संभव है. इस टेक्नोलॉजी का नाम है Augmented reality

आज की पोस्ट इसी पर आधारित है हम जानेंगे Augmented reality क्या है और कैसे हम AR मदद से डिजिटल चीजों को असल दुनिया में देख सकते है.

Augmented reality(AR) क्या है? (what is Augmented Reality in hindi)

Augmented reality (AR) एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो वास्तविक दुनिया के साथ डिजिटल जानकारी को जोड़ती है और वास्तविक दुनिया को और अधिक मजेदार बनती है ये वास्तविक दुनिया में दिख रही चीजों पर उसी समय पर कंप्यूटर द्वारा बनाई गयी चीजों को दिखाती है.

जैसे graphics, videos या 3D models आदि. ये सुनने में बहुत मजेदार लगता है और असल में संभव भी है हम ये सब AR डिवाइस की मदद से महसूस कर सकते है. डिवाइस जैसे smartphones, tablets, smart glasses, या AR headsets.

आप इन डिवाइस की मदद से वास्तविक दुनिया और डिजिटल चीजों को एक साथ एक समय पर महसूस और उपयोग कर सकते है. जब बात Augmented reality (AR) की आती है तो उसी समय हमारे मन में virtual reality (VR) का नाम आता है अक्सर हम दोनों टेक्नोलॉजी के बीच कंफ्यूज हो जाते है virtual reality (VR) और Augmented reality (AR) के बीच क्या अंतर है आप यहाँ क्लिक करके जान सकते है

Augmented reality (AR) कैसे काम करती है

Augmented reality (AR) के काम करने के कुछ स्टेप्स है जो इस प्रकार है.

Sensing the Real World

असली दुनिया को देखने और समझने के लिए AR systems सेंसर का उपयोग करते है इन सेंसर में  कैमरा, GPS, accelerometers, gyroscopes, और depth sensors होते है जिससे ये AR को यूजर के लिए और ज्यादा उपयोगी बना पाते है. इसमें कैमरा यूजर के सामने आने वाली चीजों की फोटो लेता है वही सेंसर दूसरी जरुरी जानकारी प्रोवाइड करते है जैसे यूजर की लोकेशन, मूवमेंट आदि.

Tracking and Mapping

जब असल दुनिया को सेंस कर लिया जाता है. उसके बाद AR System यूजर की पोजीशन और मूवमेंट को ट्रैक करते है यहाँ पर Computer vision टेक्नोलॉजी का यूज़ होता है जिससे आस-पास मौजूद जरुरी वस्तुओ और मार्कर के अनुसार पोजीशन और इसके फीचर का अनुमान लगया जा सके. उसी दौरान Simultaneous Localization and Mapping (SLAM) अल्गोरिथम का यूज़ वातावरण का डिजिटल मैप को बनाने और यूजर की एक्टिविटी के अनुसार अपडेट करने में होता है. 

Content Rendering

यूजर की पोजीशन को ट्रैक करने के बाद AR system, डिजिटल चीजों को असली दुनिया में दिखाना शुरू करते है ये डिजिटल चीजे साधारण टेक्स्ट से लेकर इमेज, 3d मॉडल और एनिमेशन तक हो सकती है. डिजिटल चीजे असली दुनिया में प्रस्तुत होना शुरू करती है और यूजर के अनुसार अपनी जगह बदलती रहती है जिससे यूजर को ये महसूस हो कि ये डिजिटल चीजे सही में वहां मौजूद है.

Displaying the Augmented View

AR system, augmented reality (AR) को यूजर को एक डिस्प्ले डिवाइस की मदद से दिखाता है. ये डिवाइस एक smartphone और tablet screen, smart glasses, heads-up display (HUD) या कोई अन्य आँखों में पहनने योग्य डिवाइस हो सकता है इस प्रकार के डिवाइस कुछ इस तरह बनाये गए होते है जिससे यूजर एक साथ डिजिटल चीजों और असली दुनिया को देख सकता है.

Interaction and User Interface

AR डिवाइस में कई सारे ऑप्शन मौजूद होते है जिससे यूजर अपने अनुभव को बता सकता है जैसे टचस्क्रीन, वॉयस कमांड,  gestures आदि. इस डिवाइस में मौजूद ऑप्शन की मदद से आप इसे पूरी तरह कण्ट्रोल करके अपने अनुसार यूज़ कर पाते है कुछ इस तरह से एक यूजर डिजिटल चीजों का यूज़ कर पाता है और augmented experience को महसूस कर पाता है.

Real-Time Updates

AR systems रियल टाइम पर लगातार यूजर के व्यू को चेंज करता रहता है जिससे यूजर के आस पास के वातावरण में ये सभी चीजे फिट बैठ सके और वो ज्यादा से ज्यादा augmented रियलिटी से घुल-मिल सके। सुनने में शायद ये काम आपको छोटा सा लगे लेकिन असल में इन सभी चीजों को मैनेज करने के लिए tracking, mapping, rendering और लगतार अपडेट करने जैसे कई जरुरी स्टेप होते है.

कुल मिलाकर, augmented reality (AR) असली दुनिया के साथ कंप्यूटर विज़न, tracking, और rendering जैसी टेक्नोलॉजी को डिजिटल चीजों के साथ जोड़ने का काम करती है. ये चीजे लोगो को बहुत आकर्षक और मजेदार सी लगती है

History of Augmented reality in hindi

Augmented reality (AR) का कांसेप्ट हमे कई सालो से सुनने को मिल रहा है जिसकी शुरुआत 1960s में हुई थी. अब इसके इतिहास के बारे में संक्षिप्त बात करते है.

Early Research (1960s-1990s): 

augmented reality की नींव 1960 के दशक में head-mounted displays (HMD) और virtual reality (VR) के डेवलपमेंट के साथ रखी गयी. Ivan Sutherland ने 1965 में “The Ultimate Display” को लाया जिसमे head-mounted display के आईडिया को बताया गया. जो कंप्यूटर द्वारा बनाई गयी ग्राफिक्स को असल दुनिया में दिखा सकता था.

फिर बाद में 1990 के दशक में, शोधकर्ता Tom Caudell ने बोइंग में काम करते हुए augmented reality शब्द बनाया.

Wearable AR Systems (1990s-2000s):

1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक के शुरुआत में AR को लोगो द्वारा ज्यादा अटेन्शन मिलनी शुरू हो गयी थी और उसी दौरान पहनने वाले AR systems को भी बनाया गया. 1998 में Steve Mann ने “Digital Eye Glass” को बनाया जिसकी मदद से यूजर कंप्यूटर द्वारा बनाई गयी चीजों को असल दुनिया के साथ देख सकते थे

सबसे पहले commercial AR system को ARToolKit कहा गया जिसे Hirokazu Kato द्वारा 1999 में बनाया गया. जिसमे वस्तुओ को अलग दिखाने के लिए मार्कर और एक कैमरे का उपयोग किया गया था.

Mobile AR (2009-Present)

2009 में “Layar” app को रिलीज़ किया गया था जो GPS और camera पर आधारित ट्रैकिंग को यूज़ करके augmented reality को स्मार्टफोन में दिखता था.

इसके बाद Apple के ARKit और Google के ARCore को सन्न 2017 और 2018 में रिलीज़ किया गया. जो डेवलपर को एक बहुत पावरफुल AR frameworks प्रोवाइड करते है जिसकी मदद से AR को स्मार्टफोन में यूज़ करना और भी आसान हो गया.

Mainstream AR Applications (2010-Present)

2010 के दशक में कई पावरफुल AR Applications को बनाया गया। सन्न 2016 में AR पर आधारित Pokémon Go नाम के एक गेम को लांच किया गया जो location-based AR गेम था।

Snapchat जैसी कंपनियों ने यूजर के लिए AR filters और effects को अपने app पर लांच किया जिसकी मदद से यूजर और ज्यादा अच्छी फोटो और सेल्फी ले सकते है। Microsoft ने 2016 में HoloLens को रिलीज़ किया जो एक mixed reality Headset है. 

जैसे-जैसे समय बीत रहा है AR technology तेजी से सुधार कर रही है। इसने अपनी computer vision अल्गोरिथम, accuracy, depth sensing, और tracking system को इम्प्रूव किया है.

AR को कई इंड्रस्ट्री में यूज़ किया जाना शुरू हो गया है जैसे education, healthcare, architecture, retail, और entertainment आदि. जहां इन्हे कई एप्लीकेशन मिलती है जो इनके काम को आसान बनाती है इन एप्लीकेशन को ट्रेनिंग देने के लिए simulations, visualization, re0mote assistance, product demonstrations और भी कई चीजों का यूज़ होता है.

Augmented Reality का भविष्य 

हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, artificial intelligence (AI) को बढ़ते हुए देखकर augmented reality का भविष्य बहुत ही भरोसेमंद दिखाई पड़ता है. टेक्नोलॉजी जैसे smart glasses, 5G connectivity, और spatial computing के साथ AR का एक्सपीरयंस बहुत ही मजेदार और नेक्स्ट लेवल का होने वाला है.

आने वाले समय में augmented reality, extended reality (XR) के डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. कम शब्दों में कहे तो AR का भविष्य बहुत ही अच्छा होने वाला है.

Conclusion

आज हमने Augmented reality क्या है (What is Augmented Reality (AR) in Hindi), ये कैसे काम करती है? इसका इतिहास क्या है?

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