Short selling क्या है? What is short selling in Hindi : Adani vs Hindenburg

अमेरिकी रिसर्च कंपनी Hindenburg research ने January 24, 2023 को एक रिसर्च पोस्ट पब्लिश की। जिसका टाइटल था “Adani Group: How The World’s 3rd Richest Man Is Pulling The Largest Con In Corporate History” जो रातो रात पूरे भारत के साथ दुनिया भर में आग की तरह फैली। हर जगह इसकी बात होने लग गयी क्युकि ये रिसर्च भारत के सबसे आमिर व्यक्ति और दुनिया के तीसरे सबसे आमिर व्यक्ति Gautam Adani को कॉर्पोरेट का सबसे बड़ा फ्रॉड बता रही थी. Hindenburg ने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए और 88 प्रश्नो के जवाब मांगे.

उसके बदले अडानी ग्रुप ने भी 413 पन्नो में अपना जवाब दिया। लेकिन इससे ये मुद्दा शांत नहीं हुआ बल्कि और गरमा गया और Adani vs Hindenburg बन गया. कई लोग इसे भारत पर हमला मान रहे है और वही कई लोग अडानी को फ्रॉड बता रहे है।

कुछ लोगो का कहना है Hindenburg ने ऐसा सिर्फ लाभ कामने के उद्देश्य से किया क्युकि Hindenburg शार्ट सेलिंग करके लाभ कमाती है. जिससे लोगो में ये भी जिज्ञाषा बढ़ गयी है कि आखिर short selling क्या होती है क्या short selling करना क़ानूनी है और Hindenburg, अडानी के शेयर गिरने से कैसे लाभ कमा सकती है। इसलिए आज मैं आपको बताऊंगा कि short selling क्या है? (what is short selling in hindi) और short selling कैसे करते है, इसके फायदे और नुकसान क्या है? के बारे में बताऊंगा.

Short selling क्या है (What is short selling in Hindi)

Short selling ट्रेडिंग करने का एक तरीका होता है जिसका यूज़ करके ट्रेडर्स शेयर मार्किट में लाभ कमाते है. जिसमे ट्रेडर किसी भी स्टॉक के एक पॉइंट पर गिरने को लेकर ट्रेड करते है मतलब आम तौर जब हम स्टॉक में इन्वेस्ट करते है जो उम्मीद करते है कि आगे इस स्टॉक का प्राइस बढ़ेगा और हमको लाभ होगा. जब कि शार्ट सेलिंग में हम ठीक इसका उल्टा करते है. जब उस स्टॉक का प्राइस गिरता है तो हम लाभ कमाते है.

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इसमें एक निवेशक किसी asset के शेयर उधार लेता है, जैसे कि स्टॉक, और उन्हें कम कीमत पर पुनर्खरीद करने और लाभ कमाने की आशा के साथ बेचता है. यह किसी स्टॉक की कीमत बढ़ने के विपरीत शर्त लगाने का एक तरीका है. इसको हम एक उदाहरण से समझ सकते है –

मान लीजिये एक कंपनी है ABC नाम की. एक निवेशक जानता है कि उस ABC कंपनी के स्टॉक की कीमत आने वाले समय में गिरने वाली है. निवेशक किसी ब्रोकर से उस कंपनी के 100 शेयर उधार लेता है और तुरंत बाजार के दाम के अनुसार बेच देता है. उदाहरण के लिए 1 शेयर की बाजार कीमत 500 रुपए है बेचने के बाद उस निवेशक के पास आ गए 50000 रूपए आ जाते है. 

जैसा ही उस स्टॉक की कीमत वास्तव में भविष्य में गिरती है और 1 शेयर की बाजार कीमत 100 रुपए हो जाती है मतलब कि 100 शेयर की कीमत 10000 रुपए. दाम गिरने के बाद निवेशक बाजार से 10000 रुपए देकर 100 शेयर खरीद लेता है और ब्रोकर को वापस कर देता है. पूरी प्रक्रिया में निवेशक को 40000 रुपए का लाभ हो जाता है. इसे ही short selling से लाभ कामना कहते है.

ध्यान रहे कि यहाँ निवेशक ब्रोकर से शेयर उधार ले रहा है तो शेयर ही देगा चाहे शेयर की कीमत पहले की तुलना में कम हो या ज्यादा. यदि 1 शेयर की बाजार कीमत 500 रुपए से अधिक हो जाती तो निवेशक के बजाय ब्रोकर को फायदा होता. शार्ट सेल्लिंग उसी कीमत पर करनी चाहिए जब आपको यकीं हो कि उस स्टॉक की कीमत गिरेगी. नहीं तो आपको भी भारी नुकसान हो सकता है.

इससे होने वाला नुकसान असीमित हो सकता है क्युकी आपने किसी स्टॉक की कीमत गिरने पर ट्रेड किया है यदि उसकी कीमत गिरने के बजाय बढ़ती है तो जितना उसका दाम बढ़ेगा उतना ही जोर का झटका आपको लगने वाला है क्युकि कीमत गिरने की लिमिट होती है ज्यादा से ज्यादा उसकी वैल्यू 0 हो जाएगी

लेकिन बढ़ने की लिमिट नहीं होती ये 10 गुना, 100 गुना, 1000 गुना या उससे भी ज्यादा जा सकता है. इसलिए short selling अक्सर hedge fund और अन्य प्रोफेशनल निवेशकों द्वारा ही की जाती है. जिन्हे बाजार की अच्छी समझ होती है साथ ही उच्च स्तर की जोखिम सहन करने के क्षमता भी होती है.

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Short selling के फायदे (Advantage of short selling in hindi)

Potential for profit: 

जैसा कि ऊपर बताये गए उदाहरण से साफ़ है कि इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि जब बाजार गिर रहा है तब भी निवेशक इससे अच्छा खासा पैसा कमा सकते है. निवेशक अपने ज्ञान और रिसर्च के अनुसार किसी भी स्टॉक में दाम के गिरने पर ट्रेड कर सकते है और पैसा बना सकते है.

Diversification: 

शॉर्ट सेलिंग निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और बाजार में गिरावट के खिलाफ बचाव करने का एक रास्ता प्रदान कर सकती है.

Improved market efficiency: 

ये बाजार में मौजूद गलत प्राइस वाले स्टॉक को उनकी सही कीमत में लाने में मदद करती है जिससे बाजार लंबे समय में अधिक कुशल हो जाता है.

Flexibility: 

short selling निवेशकों को अधिक निवेश विकल्प प्रदान कर सकती है और उन स्टॉक से पैसा कमाने के तरीका प्रदान करती है जिसके प्राइस गिरने वाले है.

ये आपके पोर्टफोलियो रिस्क को भी कम कर सकता है.

शॉर्ट सेलिंग बाजार को liquidity भी प्रदान कर सकती है क्युकि ये उन सभी लोगो को स्टॉक ट्रांसफर करने की अनुमति देती है जो इसे बेचना या खरीदना चाहते है.

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शॉर्ट सेलिंग भी बहुत जोखिम भरा हो सकता है और सभी निवेशकों के लिए फायदेमंद भी नहीं रहा है. शॉर्ट सेलिंग में शामिल होने से पहले संभावित risks और rewards पर सावधानीपूर्वक विचार जरूर कर ले.

Short selling के नुकसान (Dis-Advantage of short selling)

Unlimited loss potential: 

जैसा मैंने बताया यदि किसी स्टॉक के दाम घटने के बजाय बढ़ जाती है, तो छोटे निवेशको के लिए नुकसान की संभावना असीमित हो जाती है, क्योंकि संपत्ति की कीमत पर कोई max लिमिट नहीं होती है.

High cost of borrowing: 

शार्ट सेलिंग में निवेशक पहले उन स्टॉक को उधार लेते है जिन्हें वे बेचना चाहते हैं, जो उनके लिए महंगा और मुश्किल हो सकता है.

Short squeeze: 

शॉर्ट स्क्वीज़ तब हो सकता है जब शॉर्ट सेलर्स को अपने शॉर्ट पोजीशन को कवर करने के लिए उधार लिए गए शेयरों को वापस खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे किसी एसेट की कीमत में तेजी से वृद्धि होती है.

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Market risk: 

यदि आप निवेशक के तौर पर इससे पैसा कमा रहे है तो बाजार पर इसका बहुत प्रभाव पड़ सकता है क्युकी जब बाजार गिर रहा होगा तब आप पैसा बना रहे हो।

Timing risk: 

short selling के लिए बहुत समय और बाजार की जानकारी की आवश्यकता होती है, क्युकी आपको ये पता होना चाहिए कि किस स्टॉक की कीमत गिरेगी। तब आपका अनुमान बहुत जरुरी हो जाता है

FAQ (Frequently Asked Questions)

Short selling करने वाले ट्रेडर को क्या कहते है?

Short selling करने वाले ट्रेडर को short seller कहते है.

Short selling को margin trading के नाम से क्यों जाना जाता है?

Short selling को कभी-कभी मार्जिन ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है क्युकि इसमें कम कीमत पर शेयरों को पुन: खरीद की आशा के साथ लाभ कमाने के लिए शेयरों को उधार लेना और उन्हें बेचना शामिल होता है.

 

Normal Stock investing और Short selling में कौन सा तरीका बेहतर है?

नॉमल स्टॉक इन्वस्टिंग, Short selling से बेहतर है यदि आप एक नौसिखिये है तो Short selling बिल्कुल न करे और यदि आप ये समझ नहीं पाते है कि किस स्टॉक की कीमत गिरने वाली है मतलब आप Short selling में आप अच्छे नहीं है। तो आप नॉमल स्टॉक इन्वस्टिंग ही करे।

Short selling करने वाला व्यक्ति नार्मल स्टॉक ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति से ज्यादा रिस्क लेता है कैसे? ऐसा इसलिए है क्योंकि एक व्यक्ति जिसने स्टॉक खरीदा है, यदि मूल्य शून्य हो जाता है, तो केवल 100 प्रतिशत खो सकता है, लेकिन एक व्यक्ति जिसने स्टॉक को कम कर दिया है, यदि मूल्य 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाता है, तो वह 100 प्रतिशत से अधिक खो सकता है

यदि आप शार्ट सेल्लिंग रिस्क को अच्छे से समझ लेते हो और इससे कैसे बाहर निकलना है जान जाते हो तो ये आपके लिए उतनी भी मुश्किल शाबित नहीं होगी।

क्या Short selling करना उचित है?

Short selling एक कठिन trading strategy है यदि आपका स्टॉक मार्किट ज्ञान और रिसर्च अच्छा है तो आप Short selling कर सकते है और इससे भारी मुनाफा कमा सकते है और वही, यदि शॉर्ट किए गए स्टॉक का मूल्य नीचे नहीं जाता है तो इससे भारी नुकसान हो सकता है।

Conclusion

आज हमने जाना कि stock market में short selling क्या होती है (What is short selling in Hindi), short selling के फायदे और नुकसान क्या है? क्या इसे करना क़ानूनी है और सबसे जरुरी कैसे Hindenburg, अडानी के शेयर गिरने से लाभ कमाएगी?

यदि आपको इससे कुछ सीखने को मिला है. तो इसे अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे जिससे सभी तक ये जानकारी पहुंच सके.

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