जैसा कि हम जानते है कि देश में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है खासकर पिछले कुछ सालो में लगभग हर एक डॉक्यूमेंट का इलेक्ट्रॉनिक वर्शन बनाने लगा है भला इस दौड़ में पासपोर्ट कैसे पीछे रह सकता है? विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के अनुसार, हर भारतीय नागरिक भविष्य में ई-पासपोर्ट को प्राप्त करेगा और इसमें मिलने वाली सुविधाओं का फायदा उठा पायेगा।
इसलिए आज इस पोस्ट में हम जानेंगे ई-पासपोर्ट क्या है (what is e-Passport in Hindi), ये कैसे काम करता है? आखिर क्यों पासपोर्ट को ई-पासपोर्ट से रिप्लेस किया जा रहा है? इसके क्या फायदे है?
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ई-पासपोर्ट क्या है? (What is e-Passport in Hindi)
ई-पासपोर्ट एक बायोमेट्रिक पहचान पत्र के साथ आने वाला एक पासपोर्ट है जिसमे चिप का उपयोग किया गया है. जो यात्रा के दौरान डॉक्यूमेंट की पारदर्शिता और सुरक्षा को पासपोर्ट की तुलना में कई गुना मजबूत बनाता है. हालांकि, यह आवेदन, सत्यापन और जानकारी के मामले में पासपोर्ट से अलग बिल्कुल नहीं है.
e-Passport के लिए कौन सी उम्र में आवेदन किया जा सकता है?
e-passport के लिए 18 साल से बड़ी उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं. वैसे तो e-passport के लिए कम उम्र 15 साल की की गई है, परंतु यह पासपोर्ट माइनर पासपोर्ट के अंदर आते हैं और केवल 5 से 10 साल के लिए ही वैलेड होते हैं.
e-Passport कैसे काम करेगा? (How e-Passport works?)
यात्रा के समय e-passport को स्कैन किया जाएगा, जिससे व्यक्ति की सारी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। ई-पासपोर्ट में मौजूद चिप में 64kb तक की मेमोरी स्टोर की जा सकती है। साथी इस चिप में व्यक्ति के यात्राओ की जानकारीयो को भी आसानी से स्टोर किया जा सकता है. पासपोर्ट में आगे और पीछे के कवर मोटे होने की उम्मीद है.
और इसे पढ़ने में सिस्टम को कुछ सेकंड लग सकते हैं. नए पासपोर्ट में 30 विज़िट तक स्टोर होने की उम्मीद है। इनमें प्रत्येक देश के लिए एक यूनिक डिजिटल साइन भी होगा जिसे एक प्रमाण पत्र का उपयोग करके आसानी से सत्यापित किया जा सकता है.
e-Passport Benefits (ई-पासपोर्ट के फायदे)
- ई-पासपोर्ट वाले यात्रियों को लंबे समय तक कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसे कुछ ही सेकंड में स्कैन किया जा सकता है.
- इसमें व्यक्तियों का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड है. इसलिए, यह धोखेबाजों को डेटा चोरी करने और डुप्लीकेट पासपोर्ट बनाने से रोकेगा.
- छेड़छाड़ (modify) करने पर, चिप पासपोर्ट प्रमाणीकरण फेल हो जाएगा.
- इससे कोई डेटा मिटा नहीं सकता है.
e-Passport Features (ई-पासपोर्ट के फीचर)
- यह आवेदक की उम्र के आधार पर 5 या 10 साल के लिए वैध होता है.
- इसमें Holographic Image का इस्तेमाल किया है जो प्रकाश में चलती हैं और अपना रंग बदलती हैं.
- यूजर की बायोमेट्रिक जानकारी स्टोर करना.
- यूजर के हाथ की सभी 10 अंगुलियों के उँगलियों के निशान स्टोर करना.
- यूजर का आईरिस स्कैन.
- यूजर का रंगीन फोटो.
- यूजर के डिजिटल हस्ताक्षर आदि स्टोर करना.
Important Points About e-Passport
1 फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन ने विदेश यात्रा में सुविधा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक चिप के साथ एम्बेडेड ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए अपनी सरकार की योजना को लोगो तक पहुंचाया।
उनके अनुसार ई-पासपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट और पेपर का मिक्सचर होगा। जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID चिप) होगी. बैक कवर में एक इनले के रूप में एक एंटीना लगाया जाएगा. पासपोर्ट में जरुरी जानकारी चिप में स्टोर की जाएगी और पेज पर डाटा को प्रिंट किया जा सकता है
e-Passport की विशेषताओं को International Civil Aviation Organization, an agency of the United Nations द्वारा मैनेज किया जायेगा.
ई-पासपोर्ट प्राप्त करने वाले लोगो का डेटा सिर्फ पासपोर्ट और उससे जुडी सेवाओं के लिए किया जायेगा इसके अलावा डेटा का कोई दूसरा उपयोग नहीं होगा। सरकार इसकी सुरक्षा करेगी। इससे जुड़े लेन देन प्रक्रियाओं को डिजिटल सर्टिफिकेट द्वारा प्रमाणित किया जायेगा
और क्रिप्टोग्राफ़िक रूप से हस्ताक्षर लेकर सुरक्षित किया जायेगा. जब ये चीजे एक बार कैप्चर कर ली जाएगी तो इन्हे सिक्योर्ड डेटाबेस में स्टोर कर दिया जायेगा। जो की सुरक्षित केंद्र में बनाया जायेगा जिसकी 24*7 कड़ी सुरक्षा की जाएगी.
सरकार इस समय ई-पासपोर्ट पर काम कर रही है जिसे हर एक स्केल पर टेस्ट किया जा रहा है जिससे इसमें कोई भी लूप-होल न रहे। इसको पूरी तरह तैयार होने में कुछ समय लग सकता है।
ई-पासपोर्ट लोगो तक पहुंचाने के लिए सरकार देश में 36 पासपोर्ट कार्यालयों में ये सुविधा पहुचायेगी. Tata Consultancy Services (TCS) को ई-पासपोर्ट डिलीवर करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है ये कॉन्ट्रैक्ट इन्हे पासपोर्ट सेवा के दूसरे चरण के रूप में मिला है जो कि विदेश मंत्रालय द्वारा मिला है.
इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार हार्डवेयर चिप्स प्रदान करेगी वही TCS उसमे encoding का काम करेगी। सरकार ने National Informatics Centre (NIC) को तकनीकी जिम्मेदारी सौंपी है।
ई-पासपोर्ट का निर्माण महाराष्ट्र के नासिक में इंडिया सिक्योरिटी प्रेस द्वारा किया जाएगा, जिसने 4.5 करोड़ आईसीएओ-अनुपालन वाले इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की खरीद के लिए आशय पत्र जारी किए हैं. जैसा कि मैंने आपको बताया कि इस पर काम चल रहा है
लेकिन दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को बायोमेट्रिक डिटेल के साथ भारत का पहला ई-पासपोर्ट जारी किया था। विदेश मंत्रालय के अनुरोध पर, National Informatics Centre ने तब ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया था। राजनेताओ और अधिकारियों के लिए लगभग 20,000 ई-पासपोर्ट जारी किए गए थे।
ई-पासपोर्ट पासपोर्ट की सुरक्षा को बढ़ाते हैं, डुप्लीकेशन को खत्म करते हैं, डेटा से मॉडिफिकेशन को खत्म करते हैं और अधिकारियों द्वारा बॉर्डर कण्ट्रोल करने के लिए यात्रियों की एंट्री और एग्जिट पर मॉनिटरिंग की जाएगी.
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने हाल ही में कहा था कि यदि ship में किसी भी तरह की छेड़छाड़ होती है तो हमारा सिस्टम तुरंत उसे पकड़ लेगा और पासपोर्ट प्रमाणीकरण फेल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि ई-पासपोर्ट हाई टेक सुविधाओं से लेस होगा जिससे वो किसी भी नागरिक के लिए मौजूदा पासपोर्ट और सेवाओं को काफी हद तक अपग्रेड करेगा।
Conclusion
आज कि पोस्ट में हमने जाना कि e-Passport क्या है (What is e-Passport in Hindi), ये कैसे काम करता है? उम्मीद करता हु आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी. पोस्ट के बारे में अपने विचार कमेंट में जरूर बताये और कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले.
बहुत ही अच्छी जानकारी दी Thank You Sir ji